झारखंड में मतदाताओं ने विधानसभा चुनाव के दो चरणों में राजनीतिक नेताओं की किस्मत ईवीएम में बंद कर दी। पहले चरण में 13 नवंबर को और दूसरा चरण 20 नवंबर को वोट डाले गए। वोटों की गिनती 23 नवंबर शनिवार को होगी। सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला कर रही झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन फिर से वापसी करने की उम्मीद के साथ मैदान में है। जबकि भाजपा हेमंत सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और अवैध घुसपैठ के मुद्दे को आगे कर सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रही है। झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीट है, जिसमें 44 सामान्य हैं और 28 अनुसूचित जनजाति और 9 अनुसूचित जाति उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। बता दें कि मौजूदा सदन का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। झारखंड में पहले चरण में कुल 66.65% और आखिरी चरण का मतदान प्रतिशत 67.59 फीसदी रहा। राज्य की यह परंपरा रही है कि कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बना पायी है। ऐसे में आपको बताते हैं कि झारखंड को लेकर तमाम सर्वे क्या प्रिडिक्शन कर रहे हैं। पीपुल्स पल्स के एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन झारखंड में सत्ता में आ सकती है। एनडीए के 42 से 48 सीटों के बीच जीतने का अनुमान है। एनडीए की सहयोगी आजसू पार्टी को 2 से 5 सीटें मिलने की उम्मीद है। जेएमएम के नेतृत्व वाले भारत गठबंधन के 16 से 23 सीटों के बीच जीतने का अनुमान है,जिसमें कांग्रेस को 8 से 14 सीटें मिलने की संभावना है। झारखंड के लिए टाइम्स नाउ जेवीसी के एग्जिट पोल में भाजपा गठबंधन को 40 से 44 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि जेएमएम गठबंधन को 30 से 40 सीटें मिलने की उम्मीद है। मैट्रिज के अनुमान के अनुसारा,भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 81 सदस्यीय विधानसभा में 42 से 47 सीटों के बीच मिलने की उम्मीद है। सत्तारूढ़ जेएमएम के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को 25 से 30 सीटों के बीच मिलने की उम्मीद है।
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