ईरानी राष्ट्रपति रईसी को दफनाया जा चुका है। लेकिन अब नया बवाल ईरान और तुर्किए के बीच शुरू हो गया है। रईसी की मौत के साथ ही ईरान और तुर्किए अब आमने-सामने हो गए हैं। एक दूसरे के साथ भिड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। खबर है कि ईरान और तुर्किए के बीच इस बात को लेकर संघर्ष चल रहा है कि आखिर ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर को किसने ढूंढ़ा? तुर्किए का मानना है कि उसने ईरानी राष्ट्रपति रईसी के हेलीकॉप्टर समय रहते ढूंढ़ लिया था। हालांकि ईरान का मानना ये है कि राष्ट्रपति रईसी के हेलीकॉप्टर का कोई हाथ नहीं था। तुर्किए के परिवहन मंत्री अब्दुल कादिर ने तुर्किए टीवी को बताया था कि तुर्किए के ड्रोन अकिंची को ये मलबा मिला। ईरान द्वारा खोज का समय और स्थान उस समय और स्थान से मेल नहीं खाता जब और जहां ड्रोन ने इसे ढ़ूंढ़ा था। ईरान के उत्तर-पश्चिम स्थित पहाड़ी क्षेत्र में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री और अन्य लोग हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गए। इस हादसे के बाद ईरान ने तुर्किए से मदद मांगी थी। तुर्किए ने भी अपने स्तर पर मदद भेजी। फिर तुर्किए के अधिकारियों ने बताया कि उनसे जैसे ही मदद मांगी गई थी। उसे सफलता पूर्वक पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी होने के नाते हम उस देश की मदद करने के लिए दौड़ पड़े थे, जिसने सहायता मांगी थी। हमने ऐसा पूरी तरह सही तरीके से किया। ईरान इसे लेकर अलग दावा कर चुका है। ईरान ये साफ कर चुका है कि ईरानी राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर को तुर्किए के ड्रोन ने नहीं ढूंढा था। ईरान का दावा है कि हेलीकॉप्टर खुद ईरान ने ही ढूंढा। ईरानी सेना ने कहा कि तुर्की द्वारा भेजा गया ड्रोन नाइट विजन उपकरण होने के बावजूद दुर्घटनास्थल का पता लगाने में विफल रहा। अंतत तुर्की लौट आया। सुबह के शुरुआती घंटों में, हेलीकॉप्टर दुर्घटना का सटीक स्थान जमीनी बचाव बलों और सशस्त्र बलों के ईरानी ड्रोन द्वारा खोजा गया।
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