देश भर के वरिष्ठ नागरिकों को सरकार द्वारा निशुल्क 5 लाख तक के इलाज के नाम पर चलाई जा रही योजना छलावा मात्र है।हाल ही में राजस्थान के प्रमुख दैनिक अखबार में प्रकाशित समाचार के बाद आयुष्मान वय वंदना योजना मे 5 लाख तक के निशुल्क इलाज के लिए पंजीकरण करवाने के उपरांत जब ई मित्र से कार्ड बनवाकर सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में चिकित्सा लाभ लेने के लिए संपर्क किया गया तो अस्पताल के प्रबंधकों द्वारा कहा गया कि यह योजना लागू ही नहीं है। जबकि प्रकाशित समाचार के अनुसार 70 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों के लिए योजना में नए लाभ भी जोड़े गए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा दावा है कि देशभर के 31000 से अधिक अस्पतालो तथा 14000 से अधिक निजी अस्पतालों में यह सुविधा मिलेगी। आश्चर्य तो तब हुआ जब योजना में पंजीकृत चिकित्सालयों ने योजना के लागू होने से सिरे से ही इनकार कर दिया है।
योजना के प्रचार प्रसार के लिए देशभर में करोड़ों के विज्ञापन समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों को दिए गए परंतु वास्तविकता यह है कि यह योजना केवल हवा हवाई है।
आज एक तरफ जहां बुजुर्ग चिकित्सा के लिए परेशान हो रहे हैं वहीं दूसरी और केंद्र और राज्य सरकार जनता को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं एवं निशुल्क उपचार के नाम पर ठग रही है।
यह तो वही कहावत हो गई
खोदा पहाड़ -निकली चुहिया तथा थौथा चना- बाजे घणा।
—–अशोक भटनागर
स्वतंत्र पत्रकार