साहित्य विशेष समाचार
पिछले पांच दशको से साहित्य जगत की लौ जगाये रखने वाले प्रमुख व्यंग्य लेखक डा. कमलेश शर्मा ने अपने जन्मदिन के 90वर्ष पूर्ण होने पर करीब 12000 दोहे शीर्षक व अर्थ के साथ लिखे हैं जो एक बहुत ही बडा़ विश्व रिकार्ड है ! ये ऐक बहुत ही बडी़ अदभुत दुर्लभअकल्पनीय अनुकरणीय प्रेरणामयी उपलब्धि है ।
ज्ञात हो कि डाकमलेश शर्मा की 14 पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है और अभी भी लेखन जारी है।
भोपाल। हिन्दी के प्रख्यात एवं वयोवृद्ध साहित्यकार , 90वर्षीय डॉ. कमलेश शर्मा द्वारा स्वरचित दोहों की संख्या आज 12000 तक पहुंच गई है, जो कि एक नया कीर्तिमान है। ये केवल दोहे ही नहीं हैं , बल्कि उनकी अर्थ सहित व्याख्या भी लिखी गई है। दोहे हिन्दी,अग्रेंजी,संस्कृत,गुजराती,मराठी,पंजाबी,मालवी,राजस्थानी और रूसी भाषाओं में लिखे गये हैं तथा 40 जिल्दों में
उपलब्ध हैं।
इन दोहों के अलावा नियमित रूप से व्यंग्य लेखन, गीत, गज़ल एवं समसामयिक विषयों पर लेखन भी अनवरत जारी है। डॉ. कमलेश शर्मा की अब तक 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें 10 व्यंग्य-संग्रह शामिल है।
इसी परिपेक्ष्यमें डा.कमलेश शर्मा ने अपने जीवन के 90 वर्ष पूर्ण होने से पहले ही कुल 12000 दोहे पूर्ण कर लिये हैं। जो उम्र के इस पडा़व पर अभूतपूर्व अकल्पनीय अनुकरणीय उपलब्धि है। ये दोहे शीर्षक के साथ है। 12000 शीर्षक जो
विश्व रिकार्ड है।
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