जयपुर विकास प्राधिकरण में पटवारी, जेईएन समेत 7 लोग रिश्वत लेते गिरफ्तार:महिला अधिकारी के पति ने की डील; रेड पड़ी तो पैसे अलमारी के पीछे फेंके, कपड़ों के अंदर छुपाए
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने शुक्रवार शाम जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) पर बड़ी कार्रवाई की। JDA के जोन नंबर-9 में छापेमारी कर पटवारी और जेईएन समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें महिला अधिकारी का पति भी शामिल है। जो पूरी डील करवा रहा था। ACB टीम ने आरोपियों के कब्जे से रिश्वत के 1.50 लाख रुपए भी जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पीड़ित से 13 लाख रुपए की डिमांड की थी। अंत में डील 1.50 लाख रुपए में तय हुई थी। एडिश्नल एसपी हिमांशु कुलदीप ने बताया- घूसखोरी के खेल में आरोपी तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, गिरदावर रुकमणी (पटवारी का चार्ज), गिरदावर श्रीराम शर्मा, पटवारी रविकांत शर्मा, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी विमला और उनके पति दलाल महेश मीणा को पकड़ा है। इनके पास से 1.50 लाख रुपए रिश्वत के मिले हैं। इसमें तहसीलदार के 50 हजार, जेईएन के 40 हजार और 20-20 हजार बाकी सभी को बांटे गए थे। इसके अलावा एसीबी टीम को एक लाख रुपए अलग से नगद मिले हैं। इन सभी आरोपियों के घरों पर तलाशी चल रही है।
12 महीने से परेशान था पीड़ित
भूमि कंवर्जन के काम को लेकर सितंबर 2023 में एक पीड़ित से रुपए की मांग की जा रही थी। पीड़ित ने जोन नंबर 9 के पटवारी, तहसीलदार, जेईएन, गिरदावर से कई बार मुलाकात कर काम करने के लिए कहा। इसके बाद उससे लगातार रुपए की मांग को लेकर परेशान किया जा रहा था। इस दौरान पटवारी विमला मीणा का पति महेश (जेडीए में एजेंट का काम करता है) ने काम कराने के लिए 12 से 13 लाख रुपए की डिमांड रखी। कई बार बात करने के बाद 1.50 लाख रुपए में डील तय हुई। जेडीए ऑफिस जोन 9 के कर्मचारियों से एसीबी ने की पूछताछ।
एसीबी ने 20 टीम बनाई ।
रिश्वत को लेकर परेशान चल रहे पीड़ित ने एसीबी ऑफिस में शिकायत दी। इसके बाद एसीबी ने 20 से अधिक टीमें बनाई। जेडीए के जोन 9 की जांच करनी शुरू की। मामला सही पाए जाने पर शुक्रवार शाम 6 बजे परिवादी को रिश्वत के 1.50 लाख रुपए लेकर भेजा गया। रिश्वत की राशि सभी को बंटने के बाद एसीबी ने रेड मारी। एसीबी टीम को देखकर रिश्वतखोर अधिकारियों ने रुपए अलमारी के पीछे दीवार की तरफ और अपने अंडरगार्मेंट्स में छुपा लिए।
पूछताछ के बाद कर्मचारियों को छोड़ा
एसीबी कार्रवाई के दौरान जोन नंबर 9 के ऑफिस में करीब 50 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। करीब ढाई घंटे चली कार्रवाई के दौरान एसीबी ने हर पहलू को देखकर सभी को रोक लिया था। रिश्वत में शामिल नहीं मिलने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को अकेले में एक-एककर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।